loading

hindi shayari

Bushra Aiman
Bushra Aiman
Bushra Aiman
Bushra Aiman
कभी तुमने यह सोचा है कभी खुद से यह पूछा है
वफ़ा किस चीज को कहते मोहब्बत नाम है किसका
Bushra Aiman
तुम हमसे यूं जुड़े हो के रवि से रोशनी जुड़ती
हमारे दिल में बसे हो यूं कवि से चाशनी जुड़ती
Bushra Aiman
मोहब्बत तुमसे इतनी है भुलाना चाहै भी गर हम
तो भुला ना पाएंगे तुमको यह कैसा इश्क है जानम
Ashutosh pandey
Ashutosh pandey
ऐ गमे जाना बता क्यों तेरे दीवानों के
जिस्म से लिपटी हुई गुर्दे सफ़र मिलती है
बिन पिए दिल मेरा हो जाता है गौहर सैलाब
जब भी साकी से कभी मेरी नज़र मिलती है