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hindi shayari

Ashutosh pandey
ज़िन्दगी मुश्किल में हो या मौत के आसार हों
बस यही चाहत है मेरे सामने सरकार हों 
सामने रहते हैं सब दामन पसारे आपके 
वोह शहंशाह हो गदा मोहताज या ज़रदार हों
Ashutosh pandey
कलर उनका वाइट मगर हम हैं काले
गले मिल रहे हैं अँधेरे उजाले
ना ये सुर्ख गाल ना वो बाल काले 
जवानी के दो दिन कबूतर उड़ा ले
मोहब्बत का एक दिन इलेक्शन लड़ा ले 
मुझे वोट डालेंगे ये हुस्न वाले
Ashutosh pandey
कहीं तो शौख में महँगी सी कार आई है
कहीं पे माँ कि दवा भी उधार आई है
उस एक लम्हे से गुमसुम सी है मेरी बच्ची
वो खेल खेल में तितली को मार आई है
Ashutosh pandey
तुम ही नहीं हो फ़कत बेक़रार हम भी हैं
कुदुरतों के यहाँ पर शिकार हम भी हैं
ये  और बात के ख़ुद को भुला दिया हमने
मगर रहे तो कभी ताज़दार हम भी हैं
Ashutosh pandey
बिजली पानी गैस के जब भी दाम बढ़े
बोल गये हर शख्स को उसके दिल की बात
पूछी जब जब मैंने मुस्तकबिल की बात
डरकर बोला है ये कौन से बिल कि बात
Ashutosh pandey
नजले की शिकायत है मुझे उनको है खांसी
मौसम की खराबी का आलम दोनों तरफ़ है
देखे है शक्ल कभी जेब को मेरी 
यह कैसी मोहब्बत है नज़र दोनों तरफ़ hai
Ashutosh pandey
लोग अब अभिमान के अनुकूल हैं तो क्या हुआ
ये हवाएँ आज फ़िर प्रतिकूल हैं तो क्या हुआ
एक द्रढ़ निश्चय बदल सकता है हर परिणाम को
चल पदों फिर रास्तों में शूल हैं तो क्या हुआ
sudhir kumar
Jab bhi wo mere ghar me aate hai  mausam barsat ka le aate hain. 
 Har taraf bas fuhar mujhako najar aati hai pasina badabudar itana wo bahate hain.
sudhir kumar
Ashutosh pandey
एयरफोर्स में जाना था दोस्तों
पर ज़िन्दगी रास्ता बदलकर मैनफ़ोर्स में घुस गयी